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Chandigarh बम धमाके के बाद पुलिस और एनआईए की संयुक्त कार्रवाई, संदिग्धों से पूछताछ जारी

Chandigarh के सेक्टर-26 में 26 नवम्बर को हुए बम धमाके की साजिश अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथों में है। बम धमाके के आरोप में दो संदिग्ध हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है ताकि हमले के पीछे की सच्चाई का पता चल सके। जानकारी के अनुसार, यह हमला सेक्टर-26 स्थित सेविल और डि’ओरा क्लब के बाहर हुआ था। पुलिस और एनआईए की टीमें अब इस हमले के कारणों और इसके मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।

धमाके की घटना:

26 नवम्बर को सुबह 3.12 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में एक देशी बम से हमला किया गया। यह बम हमला सेविल और डि’ओरा क्लब के बाहर किया गया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। हमले के बाद चंडीगढ़ पुलिस और एनआईए की टीमें सक्रिय हो गईं और जल्द ही हमलावरों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और हमलावरों के बारे में अहम सुराग जुटाए।

Chandigarh बम धमाके के बाद पुलिस और एनआईए की संयुक्त कार्रवाई, संदिग्धों से पूछताछ जारी

अरेस्‍ट आरोपी और उनका कनेक्शन:

इस हमले के सिलसिले में चंडीगढ़ पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी अर्जुन ठाकुर है, जो सेक्टर-51 का निवासी है। अर्जुन पर डि’ओरा क्लब के मालिक से प्रतिदिन 50,000 रुपये की उगाही की मांग करने का आरोप है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद पाया कि उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि भी रही है और वह गैंगस्टर से जुड़ा हुआ था। अर्जुन के बयान के आधार पर पुलिस ने दो अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है।

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सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध रूट:

चंडीगढ़ पुलिस ने हमलावरों का पीछा करने के लिए सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया। फुटेज में यह सामने आया कि हमलावर सेक्टर-26 के अनाज मंडी से आकर इस वारदात को अंजाम देने के बाद सेक्टर-32/20 और सेक्टर-49/50 के पास स्थित पीसीए स्टेडियम चोक के जरिए भागे। इसके बाद वे मोहाली के फेज-10/11 होते हुए अयाजर की ओर बढ़े। पुलिस ने इस रूट पर लगातार निगरानी रखी और जांच के दौरान यह पाया कि आरोपी ज़िरकपुर तक पहुंचे थे। उनके रूट का पता चलते ही पुलिस ने लगातार छापेमारी शुरू की और अंततः शाम तक दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया।

अर्जुन ठाकुर की गिरफ्तारी और पुलिस की जांच:

अर्जुन ठाकुर के खिलाफ चंडीगढ़ के डि’ओरा क्लब के मालिक निकिल चौधरी ने कुछ समय पहले 50,000 रुपये की उगाही के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने इसके बाद जांच शुरू की और अर्जुन के आपराधिक कनेक्शन का पता चला। पुलिस के अनुसार अर्जुन के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। पूछताछ के दौरान पुलिस को अर्जुन की गैंगस्टर कनेक्टिविटी का भी पता चला है, जिससे यह साफ होता है कि हमला सिर्फ एक धमाका नहीं, बल्कि एक साजिश का हिस्सा था।

पुलिस को धोखा देने के लिए बाइक पर ई-रिक्शा का नंबर डाला:

एक और हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि हमलावरों ने अपनी बाइक के नंबर प्लेट पर मोगा के एक ई-रिक्शा का नंबर डाल रखा था। इसका मतलब साफ था कि हमलावरों को यह अंदाजा था कि चंडीगढ़ की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे उन्हें पकड़ सकते हैं, और पुलिस उनका पीछा कर सकती है। इस वजह से उन्होंने बाइक पर ई-रिक्शा का नंबर चस्पा कर दिया था ताकि पुलिस को धोखा दिया जा सके और उनका असली ट्रैक ढूंढना मुश्किल हो।

एनआईए की कार्रवाई और आगे की जांच:

अब इस मामले में एनआईए ने मोर्चा संभाल लिया है और हमले के पीछे की असली साजिश का पता लगाने के लिए दो आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस के अनुसार, हमलावरों का उद्देश्य केवल डर फैलाना नहीं, बल्कि कुछ बड़ा साजिश रचना था। एनआईए की टीम इस बात की जांच कर रही है कि हमले के पीछे किसका हाथ हो सकता है और किस उद्देश्य से इस बम धमाके को अंजाम दिया गया।

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बॉलीवुड रैपर बादशाह का कनेक्शन:

एक और दिलचस्प पहलू यह है कि बॉलीवुड के प्रसिद्ध रैपर बादशाह का नाम भी इस मामले में जुड़ा हुआ है। बादशाह ने सेविल बार और लाउंज में निवेश किया हुआ है, जो हमले के स्थल के पास स्थित है। हालांकि, फिलहाल बादशाह से जुड़ी कोई बड़ी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन पुलिस और एनआईए इसकी जांच कर रहे हैं।

चंडीगढ़ में हुए बम धमाके के बाद पुलिस और एनआईए की टीमें लगातार मामले की जांच कर रही हैं। हालांकि दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन हमले के पीछे के मास्टरमाइंड और उसके उद्देश्य को जानने के लिए आगे की जांच बहुत महत्वपूर्ण होगी। पुलिस ने यह भी साफ किया है कि हमलावरों के पास योजना थी कि वे पुलिस को धोखा दे सकें, लेकिन उनके सारे प्रयास असफल हुए और वे गिरफ्तार हो गए। इस मामले में और भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आ सकती है, और यह देखा जाएगा कि एनआईए इस मामले में किस दिशा में जांच बढ़ाती है।

आगे क्या होगा?

अब पुलिस और एनआईए के अधिकारी इस मामले में और भी गहराई से जांच करेंगे। साथ ही, चंडीगढ़ पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि यदि किसी और का इस हमले में हाथ पाया जाता है, तो उसे भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। इस धमाके ने चंडीगढ़ में सुरक्षा को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है और यह घटना यह बताती है कि कोई भी अपराध कितना भी छिपा क्यों न हो, कानून के हाथ लंबा होता है।

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